IND vs SA: भारत और साउथ अफ्रीका की टीम टी-20 वर्ल्ड कप 2024 का फाइनल खेलने के लिए तैयार है। दोनों को इस टूर्नामेंट में अभी तक एक भी हार नहीं मिली है। इसी वजह से बरबाडोस में होने वाला खिताबी मुकाबला काफी रोमांचक होने की उम्मीद की जा रही है।
विस्तार
टीम इंडिया एक बार फिर इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ी है। साल 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप के पहले ही एडिशन को जीतकर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भारतीय क्रिकेट फैंस को एक बेमिसाल तोहफा दिया था। उसके बाद टीम इंडिया एक भी टी-20 वर्ल्ड कप अभी तक नहीं जीत पाई है| और इस टूरनामेंट के दौरान दोनों टीमे विजयी होकर आ रही है, दोनों ने अभी तक एक भी मुकाबला नहीं हरी है|

टीम इस फॉर्मेट में वह कमाल दोबारा नहीं कर पाई। एक दशक से अधिक समय से टीम इंडिया ने आईसीसी की कोई ट्रॉफी भी नहीं जीती है। वेस्टइंडीज के ब्रिजटाउन में टीम आज जब मैदान पर उतरेगी तो उम्मीदें आसमान छू रही होंगी। हर भारतीय रोहित शर्मा की टीम को ट्रॉफी उठाते देखना चाहेगा।दक्षिण अफ्रीका पहली बार आईसीसी के किसी टूर्नामेंट में फाइनल मैच खेलने के लिए तैयार है। उन्होंने सेमीफाइनल में अफगानिस्तान को नौ विकेट से हराया था।
IND vs SA हेड टू हेड
कुल मैच | भारत जीता | अफ्रीका जीता | बेनतीजा |
26 | 14 | 11 | 01 |
टी-20 क्रिकेट में भारत का दक्षिण अफ्रीका पर पलड़ा भारी है। दोनों के बीच कुल 26 मुकाबले खेले गए हैं। इनमें भारत को 14 और प्रोटियाज को 11 में जीत मिली है। वहीं, एक मैच बेनतीजा रहा है। टी-20 विश्व कप में भी भारत का दक्षिण अफ्रीका पर दबदबा है। दोनों टीमें छह बार भिड़ी हैं जिनमें चार मैच भारत ने जीते हैं जबकि दक्षिण अफ्रीका को दो मैचों में जीत मिली है। ऐसे में भारत खिताबी मैच में जीत का प्रबल दावेदार हैं।
किसका पलरा भरी?
इस टी-20 वर्ल्ड में दोनों ही टीमो का लीग मैचों में और super 8 के मैच जीतकर आ रही है| दोनों टीमो को किसी भी मुकाबले में अभी तक हार का सामना नहीं हुआ है| वही साऊथ अफ्रीका पहली बार जीतकर इतिहास रचने को देखेगी| और वही भारतीय टीम 13 सालो के बाद ट्राफी को उठाना चाहेगी|
टीम इंडिया के कई खिलाड़ियों को एक से अधिक वर्ल्ड कप फाइनल खेलने का अनुभव है। टीम को सिर्फ उन गलतियों से बचना होगा जो उसने पिछले साल हुए वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में की थीं। इस निर्णायक जंग से पहले अलग-अलग मोर्चों पर दोनों टीमों को आंक आंकते हैं।
Top Order
भारत: कप्तान रोहित शर्मा खतरनाक अंदाज में दिख रहे हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 41 बॉल पर 92 रनों की तूफानी पारी खेली, फिर सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार अर्धशतक जड़ा। हालांकि, दिग्गज विराट कोहली सात मैचों में 10.71 के निराशाजनक औसत से सिर्फ 75 रन बना पाए हैं। ऋषभ पंत का प्रदर्शन मिला-जुला रहा है और कुछ मैचों में उन्होंने टीम को संकट से निकाला है।

साऊथ अफ्रीका: इस टीम का टॉप ऑर्डर टीम इंडिया से कमतर दिख रहा है। ओपनर क्विंटन डीकॉक ने टीम के लिए आठ मैचों में 25.50 के औसत से सर्वाधिक 204 रन जुटाए हैं। रीजा हेंड्रिक्स का प्रदर्शन लचर रहा है जो आठ मैचों में 15.57 के औसत से 109 रन ही बना पाए हैं। कप्तान एडेन मार्कराम (8 मैचों में 119 रन, औसत 17.00) भी नाम के हिसाब से काम नहीं कर पाए हैं।
Middle Order
भारत: मिडिल ऑर्डर के भारतीय बल्लेबाजों ने टूर्नामेंट में उत्साहजनक प्रदर्शन किया है। सूर्यकुमार यादव (7 मैचों में 196 रन, ऐवरेज 32.66), हार्दिक पंड्या (7 मैचों में 139 रन, ऐवरेज 46.33) और शिवम दुबे (7 मैचों में 106 रन, ऐवरेज 21.20) ने अहम मौकों पर उम्दा योगदान कर टीम को जीत दिलाई है। विराट की बल्ले से विफलता के बावजूद भारत के लिए यह सफलता का सूत्र साबित हुआ है।

साऊथ अफ्रीका: टूर्नामेंट में साउथ अफ्रीका के मध्यक्रम के बल्लेबाज भी टीम का मजबूत पक्ष रहे हैं। ट्रिस्टान स्टब्स (8 मैचों में 134 रन, ऐवरेज 33.50), डेविड मिलर (8 मैचों में 148 रन, ऐवरेज 29.60) और हेनरिक क्लासेन (8 मैचों में 138 रन, ऐवरेज 27.60) की तिकड़ी ने भरोसेमंद प्रदर्शन कर टीम को फाइनल तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया है।
पिच रिपोर्ट
बारबाडोस के केंसिंग्टन ओवल स्टेडियम की पिच पर गेंद और बल्ले के बीच बराबरी की टक्कर देखने को मिलती है। इस मैदान पर तेज गेंदबाजों को जहां उछाल के साथ गेंद को स्विंग कराने का भी मौका मिलता है। वहीं, मिडिल ओवर्स में स्पिनरों को भी इस पिच से मदद मिलती है। इस पिच पर पहली पारी का औसत स्कोर 153 रन रहा है। मैच के दौरान टॉस अपनी अहम भूमिका निभाएगा।
दोनों टीमो की प्लेयिंग 11
भारत: रोहित शर्मा (कप्तान),विराट कोहली, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), सूर्यकुमार यादव, शिवम दुबे/संजू सैमसन, हार्दिक पांड्या, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, अर्शदीप सिंह, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह।
साऊथ अफ्रीका: क्विंटन डिकॉक (विकेटकीपर), रीजा हेंड्रिक्स, एडेन मार्करम, हेनरिक क्लासेन, डेविड मिलर, ट्रिस्टन स्टब्स, मार्को यानसेन, केशव महाराज, कागिसो रबाडा, एनरिक नॉर्त्जे, तबरेज शम्सी।
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