गया जिले के डोभी में औद्योगिक केंद्र का विकास किया जाएगा। यह केंद्र अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे का हिस्सा होगा।
बिहार की सड़क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें पटना-पूर्णिया और बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे शामिल हैं।
बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन वाला एक अतिरिक्त पुल बनाने के लिए सहायता दी जाएगी। इस पुल की लागत 24 हजार करोड़ रुपये होगी।
भागलपुर के पीरपैंती में 2400 मेगावाट के नए विद्युत संयंत्र की स्थापना की जाएगी। इस परियोजना की लागत 21 हजार चार सौ करोड़ रुपये होगी।
बाढ़ नियंत्रण के लिए 11 हजार करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी। इसमें कोसी-मेची नदी लिंक समेत 20 अन्य योजनाएं शामिल हैं।
गया स्थित विष्णुपद मंदिर और बोधगया के महाबोधि मंदिर को विश्वस्तरीय तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
राजगीर के हिंदू, जैन और बौद्ध तीर्थस्थलों को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर लाने की योजना है। नालंदा विश्वविद्यालय का विकास टूरिज्म सेंटर की तरह किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने बिहार के लिए नए एयरपोर्ट और मेडिकल कॉलेज की भी घोषणा की है। ईपीएफओ में नामांकन पर आधारित योजनाओं से 2.1 लाख युवाओं को लाभ होगा।
विशेष राज्य के दर्जे का आग्रह खारिज होने के बाद भी, बिहार को बजट में बड़ी सौगात मिली है। केंद्र सरकार ने बिहार के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं।