भारत में बजट का इतिहास 150 साल से अधिक पुराना है। आइए जानते हैं, कैसे समय के साथ बजट पेश करने के तरीके बदले और नई परंपराएं बनीं।

बजट शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच भाषा के लातिन शब्द 'बुल्गा' से हुई है, जिसका अर्थ है चमड़े का थैला।

बजट शब्द की उत्पत्ति

18 फरवरी 1860 को ब्रिटिश सरकार के वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने भारत का पहला बजट पेश किया।

पहला बजट 1860

स्वतंत्रता के बाद पहला बजट आर० के० षणमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया, जिसमें 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक का समय शामिल था।

स्वतंत्र भारत का पहला बजट

1924 से 1999 तक बजट फरवरी के अंतिम कार्यकारी दिन शाम 5 बजे पेश होता था। 2000 में यशवंत सिन्हा ने पहली बार बजट सुबह 11 बजे पेश किया।

बजट का समय बदलना

RK षणमुखम चेट्टी ने 1948-49 के बजट में पहली बार 'अंतरिम' शब्द का प्रयोग किया, जो लघु अवधि के बजट के लिए उपयोग होता है।

अंतरिम बजट की शुरुआत

28 फरवरी 1950 को जान मथाई ने गणतंत्र भारत का पहला बजट पेश किया, जिसमें योजना आयोग की स्थापना का वर्णन था।

गणतंत्र भारत का पहला बजट

सीडी देशमुख, जो रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर भी थे, ने 1951-52 में अंतरिम बजट पेश किया।

सीडी देशमुख और बजट

1958-59 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने बजट पेश किया। इंदिरा गांधी और निर्मला सीतारामन ने भी वित्त मंत्री रहते बजट पेश किया।

प्रधानमंत्री द्वारा बजट पेश

मोरारजी देसाई ने सबसे अधिक 10 बार बजट पेश किया और अपने जन्मदिन पर भी बजट पेश करने वाले एकमात्र मंत्री हैं।

सर्वाधिक बजट पेश करने का रिकार्ड

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