नेल्सन मंडेला, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपिता, ने पूरी दुनिया के लिए न्याय और समानता के लिए संघर्ष किया।
नेल्सन मंडेला ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी और 27 साल जेल में बिताए| जानिए उनकी अद्वितीय कहानी|
नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को हुआ था। इस दिन को उनकी जन्मतिथि के उपलक्ष्य में नेल्सन मंडेला इंटरनेशनल डे के रूप में चुना गया।
10 मई 1994 को, नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले लोकतांत्रिक रूप से चुने गए राष्ट्रपति बने।
नेल्सन मंडेला ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की लड़ाई गांधीजी की तरह अहिंसा से लड़ी, उनकी दृढ़ता और साहस ने उन्हें शांति का प्रतीक बना दिया|
नेल्सन मंडेला को 1990 में भारत के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया| वह पहले विदेशी नागरिक थे जिन्हें यह सम्मान मिला|
नेल्सन मंडेला को 1990 में भारत के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया| वह पहले विदेशी नागरिक थे जिन्हें यह सम्मान मिला|
मंडेला 1947 में अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस यूथ लीग के सचिव चुने गए और 1961 में उनपर देशद्रोह का मुकदमा चला, जिसमें वो निर्दोष साबित हुए|
मंडेला की दृढ़ता और अहिंसात्मक संघर्ष ने दुनिया भर में रंगभेद के खिलाफ लड़ाई को नई दिशा दी और उन्हें शांति और समानता का प्रतीक बना दिया|