प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री तक गुहार, फिर भी नहीं मिला न्याय — बुजुर्ग महिला की दर्दभरी जंग ।

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13-11-2025 9:01 PM | Update Bharat
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प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री तक गुहार, फिर भी नहीं मिला न्याय — बुजुर्ग महिला की दर्दभरी जंग

जयपुर, 10 नवम्बर 2025। राजस्थान की राजधानी जयपुर में रहने वाली 71 वर्षीय विधवा जनक देवी शर्मा ने अपनी पैतृक भूमि को धोखे से हड़पने के आरोप में अदालत का दरवाजा खटखटाया है। ग्राम कानोता (तहसील बस्सी) निवासी जनक देवी शर्मा पुत्री स्वर्गीय मूलचंद शर्मा, पत्नी स्वर्गीय कैलाशचंद शर्मा, जाति हरियाणा ब्राह्मण ने बताया कि उनके पिता स्वर्गीय मूलचंद पुत्र गणेशलाल शर्मा के नाम ग्राम कानोता में खाता संख्या नया 475 (पुराना 299) में दर्ज जमीन थी, जिसमें खसरा नंबर 406 (0.4299 हैक्टेयर), 586 (0.6070 हैक्टेयर) और 681 (1.9726 हैक्टेयर) शामिल थे।

पिता के निधन के बाद वर्ष 1998 में अभियुक्त प्रेमचंद पुत्र रामलाल, शुभम पुत्र विमलेश (शुभम के दादा नाथूलाल), राधेश्याम पुत्र रामलाल सहित तत्कालीन नायब तहसीलदार, पटवारी हल्का कानोता और तत्कालीन सरपंच ने मिलीभगत कर कूटरचित दस्तावेज तैयार किए और उनके पिता को निःसंतान दिखाकर पूरी भूमि अपने नाम करा ली, जबकि उनकी जीवित पुत्री जनक देवी वैध वारिस के रूप में मौजूद थीं।

जनक देवी शर्मा ने बताया कि उन्होंने इस धोखाधड़ी के खिलाफ लगातार संघर्ष किया और प्रधानमंत्री कार्यालय, राजस्थान के मुख्यमंत्री, जयपुर जिला कलेक्टर तथा एसडीएम बस्सी को कई बार लिखित शिकायतें दीं। यहां तक कि प्रधानमंत्री कार्यालय से भी राज्य सरकार को कार्रवाई हेतु पत्र भेजा गया, लेकिन कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया।

जनक देवी के अनुसार पुलिस स्तर पर भी मामला दर्ज न होने पर उन्होंने 12 अगस्त 2025 को पुलिस उपायुक्त जयपुर (पूर्व) और थाना अधिकारी कानोता को रजिस्टर्ड डाक से रिपोर्ट भेजी, किंतु वहां से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः न्याय की आस में उन्होंने माननीय न्यायालय बस्सी में परिवाद संख्या 270/19-8-2025 के अंतर्गत मामला दायर किया, जिस पर अदालत ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए इसे धारा 175(3) भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत थाना कानोता को अनुसंधान हेतु भेजने के आदेश दिए।

जनक देवी शर्मा का कहना है कि उन्होंने प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक हर स्तर पर गुहार लगाई, लेकिन अब तक किसी ने उनकी बात नहीं सुनी और वे आज भी न्याय की प्रतीक्षा में हैं।

नोट:
यह खबर एफआईआर व पीड़ित के द्वारा दिए गए दस्तावेजों के आधार पर लिखी गई है। हमारी टीम के पास पर्याप्त दस्तावेज मौजूद हैं।

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जयपुर, 10 नवम्बर 2025। राजस्थान की राजधानी जयपुर में रहने वाली 71 वर्षीय विधवा जनक देवी शर्मा ने अपनी पैतृक भूमि को धोखे से हड़पने के आरोप में अदालत का दरवाजा खटखटाया है। ग्राम कानोता (तहसील बस्सी) निवासी जनक देवी शर्मा पुत्री स्वर्गीय मूलचंद शर्मा, पत्नी स्वर्गीय कैलाशचंद शर्मा, जाति हरियाणा ब्राह्मण ने बताया कि उनके पिता स्वर्गीय मूलचंद पुत्र गणेशलाल शर्मा के नाम ग्राम कानोता में खाता संख्या नया 475 (पुराना 299) में दर्ज जमीन थी, जिसमें खसरा नंबर 406 (0.4299 हैक्टेयर), 586 (0.6070 हैक्टेयर) और 681 (1.9726 हैक्टेयर) शामिल थे।

पिता के निधन के बाद वर्ष 1998 में अभियुक्त प्रेमचंद पुत्र रामलाल, शुभम पुत्र विमलेश (शुभम के दादा नाथूलाल), राधेश्याम पुत्र रामलाल सहित तत्कालीन नायब तहसीलदार, पटवारी हल्का कानोता और तत्कालीन सरपंच ने मिलीभगत कर कूटरचित दस्तावेज तैयार किए और उनके पिता को निःसंतान दिखाकर पूरी भूमि अपने नाम करा ली, जबकि उनकी जीवित पुत्री जनक देवी वैध वारिस के रूप में मौजूद थीं।

जनक देवी शर्मा ने बताया कि उन्होंने इस धोखाधड़ी के खिलाफ लगातार संघर्ष किया और प्रधानमंत्री कार्यालय, राजस्थान के मुख्यमंत्री, जयपुर जिला कलेक्टर तथा एसडीएम बस्सी को कई बार लिखित शिकायतें दीं। यहां तक कि प्रधानमंत्री कार्यालय से भी राज्य सरकार को कार्रवाई हेतु पत्र भेजा गया, लेकिन कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया।

जनक देवी के अनुसार पुलिस स्तर पर भी मामला दर्ज न होने पर उन्होंने 12 अगस्त 2025 को पुलिस उपायुक्त जयपुर (पूर्व) और थाना अधिकारी कानोता को रजिस्टर्ड डाक से रिपोर्ट भेजी, किंतु वहां से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः न्याय की आस में उन्होंने माननीय न्यायालय बस्सी में परिवाद संख्या 270/19-8-2025 के अंतर्गत मामला दायर किया, जिस पर अदालत ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए इसे धारा 175(3) भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत थाना कानोता को अनुसंधान हेतु भेजने के आदेश दिए।

जनक देवी शर्मा का कहना है कि उन्होंने प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक हर स्तर पर गुहार लगाई, लेकिन अब तक किसी ने उनकी बात नहीं सुनी और वे आज भी न्याय की प्रतीक्षा में हैं।

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